रबी की फसलों में कीट व रोग का करें उपचार

 सहारनपुर : जिला कृषि अधिकारी धीरज कुमार ने कहा कि तापमान में गिरावट के कारण रबी प्रमुख फसलों को रोग एवं कीट से बचाने के लिए उनका उपाय करें।


जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इन दिनों गेंहू, राई/सरसो एवं आलू मे कीट एवं रोग के प्रकोप की संभावनाएं बढ़ी हैं। कीट एवं रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर तत्काल बचाव सुनिश्चित करे। कहा कि गेंहू पीली गेरूई रोग के लक्षण सर्वप्रथम पत्तियों पर पीले रंग की धारी के रूप मे दिखाई देते हैजिसे हाथ की उंगलियो से छूने पर पीले रंग का पाउडर लग जाता है। रोग के लक्षण दिखाई देने पर प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ईसी 200 मिली मात्रा को 250 से 300 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। रोग केकरें उपचार प्रकोप तथा फैलाव को देखते हुए दूसरा छिड़काव 10 से 15 दिन के अंतराल पर करेफसल पर कृषि रसायनो छिड़काव वर्षा व कोहरे की स्थिति मे करे।


आलू की फसल मे अगेती/पछेती झुलसा रोग का प्रकोप होने पर पत्तियो पर भूरे एवं काले रंग के धब्बे बनते तथा तीव्र प्रकोप होने पर संपूर्ण पौधा झुलस जाता है रोग के प्रकोप की स्थिति में कापर आक्सी क्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी 1.00 किलोग्राम, मैकोजेब प्रतिशत डब्लूपी 0.8 किलोग्राम, जिनेब 75 प्रतिशत डब्लूपी 0.8 किलोग्राम रसायनो मे से किसी एक को प्रति एकड की दर से 200 से 250 लीटर पानी घोलकर छिड़काव करें। राई/सरसोतापमान के गिरावट होने पर राई/सरसो की फसल मे माहू कीट का प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।