अभिनेता ओम प्रकाश की दावत से बदली क़िस्मत

बालीवुड को तीस साल तक अपने हुनरसे गदगदाने वाले कलाकार ओमप्रकाश दीवान मंदिर जम्मू के स्टेज पर 'कमला' का किरदार अदा करते थे। 19 दिसंबर, 1919 को जम्मू में पैदा हुए ओमप्रकाश ने 12 साल की उम्र में क्लासिकल संगीत सीखना शुरू कर दिया था। उन्हें संगीत के अलावा थियेटर व फिल्मों में दिलचस्पी थी। ओमप्रकाश का फिल्मी कैरियर 1942 में शुरू हुआ।



एक शादी में दावत के दौरान फिल्म डायरेक्टर डी पंचोली की नजर उन पर पड़ी। लाहौर में उनका आफिस था। पंचोली ने ओमप्रकाश को लाहौर आने का न्योता दिया। उन्होंने ओमप्रकाश को 'दासी' फिल्म के जरिये पहला ब्रेक दिया, जिसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपने कैरियर में 300 से ज्यादा फिल्में की हैं। जिनमें दस लाख, अन्नदाता, चरणदास, साधु और शैतान, दिल-दौलत-बुनिया, अपना देश, चुपके-चुपके, जूली, जोरू का गुलाम, आ गले लग जा, प्यार किए जा, पड़ोसन, बुहा मिल गया, शराबी, भरोसा, तेरे घर के सामने, मेरे हम-दम मेरे दोस्त, लोफर, दिल तेरा दीवाना जैसी फिल्में शुमार है। औम प्रकाश को भले ही फिल्मों में काम की कमी नहीं रही लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब 14 साल की उम्र में वह 30 रुपए महीना काम करने को बदली क़िस्मत तैयार हो गए थे। ओम प्रकाश की लव स्टोरी भी बडी मजेदार थी। एक किस्सा शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे एक सिख लड़की से प्यार हो गया था लेकिन लड़की के घरवाले मेरे खिलाफ थे क्योंकि मैं हिंदू था। मेरी माँ उनके घर बात भी करने गई लेकिन उसके घरवाले नहीं मानें । जिसके बाद हमने अलग हो जाने का फैसला किया। एक्टिंग के साथ-साथ ओम प्रकाश ने फिल्मसाजी में भी हाथ आजमाया। उन्होंने साठ की दहाई में फिल्म संजोग, जहाँआरा और गेटवे आफ इंडिया जैसी फिल्में बनाई। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने इस दुनिया को अपविदा कह दिया।