बढ़ापुर। क्षेत्र में गुलदार ने एक बार फिर अपनी दस्तक के साथ एक चरवाहे. की एक बकरी को अपना निवाला बना लिया है। गलदार द्वारा बकरी को निवाला बनाये जाने की घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल व्यास हो गया है। लोग अपने खेतों पर जाने से कर रहे है। जिसकी वो में खड़ी किसानों की फसल भी प्रभावित हो रही है। जीक दूसरी और वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने या आबादी को दूर करने में पूरी तरह सेजान दिख रही है जिस कारण क्षेत्रवासियों में वन विभाग के प्रति पनप रहा आक्रोश कभी भी लावा बनकर फूट सकता है।
करीब एक माह से गलदार की दस्तक से क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है परंतु वन विभाग अभी तक कोई वेस कदम कलने को तैयार नहीं है जिसके चलते ए सोमवार को गांव काजेटा निवासी मालय पुत्र सदीक व उसका साथी बन्द गांव के नजदीक बकरी चराने गए थे। गांव के समीप एक गन्ने के खेत में घात लगाए बैठे गलदर नेमतलबकी पक बकरी को दबोच लिया। बकरी की आवाज सुनकर मतलब वपन्दू जय गन्ने के खेत में पवे तो देखा गुलदार नफरी को अपना निवाला बना चुका है। गुलदार को बकरी को मारकर लता देख दोनों ने गमे के खेत से निकलने में ही अपनी भलाई समझने लए यार से रिस्क लिए। और गांव में आकर बकरी को गुलदार द्वारा मारने की बात ग्रामीणों को बताई जिस पर ग्रामीणों तारा वन विभाग को मौखिक शिकाया दर्ज कराई गई। जिस के यादशम के समय वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुँच कर इलाके कॉम्बिंग की परन्तु गलदार का कही कछ पता नहीं चल पाया। इससे पर्व में करीव एकसमाह गलदार का कही का पता नही चल पाया। पहले गुलदार गांय जेटा के रान पत्र परमा सिंह के घर में सी बनी पशुशाला में गुलदार के आ धमकने सेवाओं में हड़कम्प मच गया था इसके अतिरिक्त गाव गुकंदपुर राजगल निवासी गंशीराम के गांव में बनी पशुशाला में पराकर गुलदारासमला करने से एक पग को पायल कर दिया था। गुलदार, द्वारा सगातार परनाओं को अंजाम दिए जाने के बाद किसान अपने खेतों पर भी जाने से कतरा रहे जिसके चलते एस्खेतों में स्वती किसानों की फसल भीमरी तरह से प्रभावित हो रही है। परंतु का विभाग अभी तक हाथ पर हाथ रखो बैठा है। जिसकारण लोगों में वन विभाग के प्रति पनप रहा आकोश किसी भी समय लावा बनकर फट सकता है। वन रेंजर लोरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सूचना पर ताकाल टीम को मौके पर भेजा गया है। गुलदार के लिए इलाके में कीम्बंग कराई गई है।तथा गलवार को आजादी से दरखने के संभव प्रयास किये जा रहे है।